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प्रश्न

शैतान कौन है?

उत्तर


लोगों की शैतान के प्रति मान्यताएँ बकवादी बातों से लेकर आलौलिक अमूर्त बातों में – एक लाल रंग वाला छोटा सा व्यक्ति जिसके सिर के ऊपर सींग लगे हैं जो आपके कंधों के ऊपर सवार रहते हुए आपको पाप करने के लिए उकसाता है, से लेकर, ऐसी अभिव्यक्तियों में प्रकट किए जाते हैं जिनका वर्णन बुराई के अवतार के लिए किया जाता है। परन्तु फिर भी, बाइबल, हमें एक स्पष्ट चित्र को प्रस्तुत करती है कि शैतान कौन है और कैसे वह हमारे जीवनों को प्रभावित करता है? साधारण रूप में, बाइबल शैतान की परिभाषा एक ऐसे स्वर्गदूतीए प्राणी के रूप में देती है जो कि अपने दिए हुए पद से पाप के करने के कारण नीचे गिर गया और अब वह पूरी तरह से परमेश्वर के विरोध में रहते हुए, परमेश्वर के प्रयोजनों को असफल करने के लिए अपनी शाक्ति से प्रयासरत् है।

शैतान को एक पवित्र स्वर्गदूत के रूप में रचा गया था। यशायाह 14:12 संभवत: शैतान को गिरने से पहले लूसीफर का नाम देता है। यहेजकेल 28:12-14 उल्लेख करता है कि शैतान को एक करूब के रूप में रचा गया था, जो कि स्वर्गदूतों में सबसे उच्च प्राणी के रूप में दिखाई देता हुआ जान पड़ता है। वह अपनी सुन्दरता और पद के कारण घमण्ड से भर गया, और परमेश्वर से भी ऊँचे सिहांसन पर विराजमान होना चाहता था (यशायाह 14:13-14; यहेजकेल 28:15; 1तिमुथियुस 3:6)। शैतान का घमण्ड उसके पतन का कारण बना। यशायाह 14:12-15 में दिए हुए "मैं करूँगा" कथनों पर ध्यान दें। उसके पाप के कारण, परमेश्वर ने उसे स्वर्ग से निकाल दिया।

शैतान इस संसार का हाकिम और हवा की शाक्ति का राजकुमार बन गया (यूहन्ना 12:31; 2 कुरिन्थियों 4:4; इफिसियों 2:2)। वह दोष लगाने वाला है (प्रकाशितवाक्य 12:10), परीक्षा में डालने वाला है (मत्ती 4:3; 1 थिस्सलुनीकियों 3:5), और धोखा देने वाला है (उत्पत्ति 3; 2 कुरिन्थियों 4:4; प्रकाशितवाक्य 20:3)। उसका नाम ही "शत्रु" है या वह जो "विरोध करता" है। उसके एक और पद, इबलीस है, जिसका अर्थ "निन्दा करने वाला" है।"

हांलाकि उसे स्वर्ग से निकाल बाहर किया है, परन्तु वो अभी भी अपने सिहांसन को परमेश्वर से ऊपर लगाना चाहता है। जो कुछ परमेश्वर करता है उस सब की वो नकल, यह आशा करते हुए करता है कि वह संसार की अराधना को प्राप्त कर लेगा और परमेश्वर के राज्य के विरोध में लोगों को उत्साहित करता है। शैतान ही सभी तरह की झूठी शिक्षाओं और संसार के धर्मों के पीछे अन्तिम स्त्रोत है। शैतान परमेश्वर और परमेश्वर का अनुसरण करने वालों के विरोध में अपनी शाक्ति में कुछ और सब कुछ करेगा। परन्तु फिर भी, शैतान का गंतव्य – आग की झील में अनन्तकाल के लिए डाल दिए जाने के द्वारा मुहरबन्द कर दिया गया है (प्रकाशितवाक्य 20:10)।

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