प्रश्न
इसका क्या अर्थ है कि यीशु हमारा वकील है?
उत्तर
एक वकील या एडवोकेट अर्थात् अधिवक्ता वह व्यक्ति होता है, जो हमारी सहायता के लिए आता है या हमारे मुकद्दमे के लिए न्यायाधीश के सामने हमारी ओर से आग्रह करता है। जब आवश्यक हो तब वकील हमारे लिए सहायता, सामर्थ्य और परामर्श प्रदान करता है और हमारे लिए मध्यस्थता करता है। बाइबल कहती है कि यीशु उन लोगों के लिए एक वकील है, जिन्होंने उस पर अपना भरोसा रखा है: "हे मेरे बालको, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूँ कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक अर्थात् वकील है, अर्थात् धर्मी यीशु मसीह"(1 यूहन्ना 2:1)। अन्य वचनों में, यीशु पवित्र आत्मा को हमारा वकील कहता है (यूहन्ना 14:16, 26; 15:26; 16:7)। उन वचनों में उपयोग किया जाने वाला यूनानी शब्द पैराकीलेटॉन है, जिसका अर्थ है "सहायक, सलाहकार या परामर्शदाता" होता है।
मनुष्य की न्यायालय पद्धति में, एक वकील अपने ग्राहक के अधिकारों के लिए बोलता है। कानूनी अधिवक्ताओं या वकीलों ने कानून की पेचीदगियों का अध्ययन किया हुआ होता है और वे बड़ी सुस्पष्टता और सटीकता के साथ अक्सर जटिल विधियों के साथ इन्हें प्रस्तुत कर सकते हैं। यही वह चित्र है, जिसे यूहन्ना तब सन्दर्भित करता है, जब वह हमारे "पिता के पास हमारा एक सहायक" के रूप में यीशु को वर्णित करता है। परमेश्वर की धार्मिकता से भरी हुई व्यवस्था हमें सभी विषयों में दोषी ठहराती है। हमने परमेश्वर के मापदण्डों का उल्लंघन किया है, हमने हमारे जीवन के ऊपर शासन करने के उसके अधिकार को इन्कार कर दिया, और सच्चाई का ज्ञान होने के बाद भी पाप में बने हुए हैं (इब्रानियों 10:26; रोमियों 1:21–23; 1 तीमुथियुस 2:4)। इस तरह की दुष्टता के लिए एकमात्र दण्ड अनन्त काल के लिए नरक है (प्रकाशितवाक्य 14:10; 21:8; 1 कुरिन्थियों 6:9)।
परन्तु यीशु हमारे पश्चाताप करने वाले हृदयों और व्यवस्था के बीच में वकील है। यदि उसके लहू को हमारे जीवन के ऊपर उसे प्रभु मानते हुए उसमें विश्वास और अंगीकार के माध्यम से लागू किया गया है (रोमियों 10:9 -10; 2 कुरिन्थियों 5:21), वह हमारे मुकद्दमे के लिए धर्मी न्यायी के आगे प्रार्थना करता है। हम इस तरह की बातचीत की कल्पना कर सकते हैं: "हे पिता, मुझे पता है कि इसने पाप किया है और हमारी आज्ञाओं का उल्लंघन किया है। आरोप के अनुसार यह दोषी है। यद्यपि, आपने कहा है कि मेरा बलिदान उन लोगों के द्वारा दिए जाने वाले ऋण के लिए पर्याप्त भुगतान है। जब वह मुझ पर उद्धार और क्षमा के लिए भरोसा करता है, तो मेरी धार्मिकता उसके ऊपर लागू होती है। मैंने कीमत को अदा कर दिया है, इसलिए उसे 'दोषी नहीं' ठहराया जा सकता है। उसके लिए भुगतान करने के लिए कोई ऋण नहीं बचा है" (रोमियों 8:1; कुलुस्सियों 2:14)।
जब परमेश्वर सबसे पहली बार हमें उसकी सन्तान के रूप में अपने परिवार में स्वीकार करता है, तो यीशु हमारा वकील होता है (यूहन्ना 1:12)। और वह सदैव के लिए हमारा वकील रहता है। पहला यूहन्ना 1:9 कहता है कि, यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। उसके अनुयायियों के रूप में, हम अभी भी पाप करेंगे। परन्तु, जब हम ऐसा करते हैं, तो हमें उस पाप को परमेश्वर के सामने अंगीकार करने की आज्ञा दी जाती है। पाप कितना बुरा है, इसके बारे में परमेश्वर के साथ अंगीकार एक समझौता है। हम बिना किसी तर्क के और अपने स्वयं की किसी भी तरह की धार्मिकता के साथ उसके सामने दोषी हैं। न्यायी के समक्ष हमारे वकील कदम उठाते हैं, और साथ में वे इस बात से सहमत होते हैं, क्योंकि हम "मसीह में हैं", इसलिए आगे और कोई दण्ड आवश्यक नहीं है। यीशु ने हमें छुड़ाने के लिए पहले से ही पर्याप्त भुगतान कर दिया है।
एक और पहलू जो यीशु को एक दयालु वकील बनाता है, वह यह है कि उसने इस संसार में जीवन का भी अनुभव किया है। वह परीक्षा में पड़ा, त्यागा गया, उसकी अनदेखी की गई, उसे गलत समझा गया, और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। वह हमें मात्र सैद्धान्तिक रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करता है; वह हमें अनुभवात्मक रूप से भी दर्शाता है। उसने ऐसा जीवन व्यतीत किया जैसा हम करते हैं, तौभी वह उस बुराई से परास्त नहीं हुआ जिसके आगे हम घुटने टेक देते हैं। उसने प्रलोभन में न पड़ने के ऊपर सफलतापूर्वक जय को प्राप्त किया और वह हमारा महायाजक हो सकता है, क्योंकि उसने परमेश्वर की व्यवस्था को पूरा किया (इब्रानियों 4:15; 9:28; यूहन्ना 8:29)। हमारा वकील हमारे विषय के प्रति व्यक्तिगत् अनुभव के कारण कुछ इस तरह निवेदन कर सकता है: "हे पिता, इस युवती ने हमारे धर्मी आदेश का उल्लंघन किया है, परन्तु वह आपसे प्रेम करती है और आपकी सेवा करना चाहती है। मुझे स्मरण है कि जैसा यह मेरे साथ हुआ था, वैसा ही यह उसके लिए प्रलोभन में पड़ना था, और मुझे उसके ऊपर तरस आता है। उसने अपने इस पाप को स्वीकार कर लिया है और इससे दूर होने की इच्छा रखती है। मेरे बलिदान के कारण, आप इस पाप को क्षमा कर सकते हैं और एक बार फिर उसके हृदय को शुद्ध कर सकते हैं। आइए उसे सिखाएँ कि कैसे पवित्र आत्मा उसे इसके प्रति सांत्वना देगा और अगली बार पाप का विरोध करने के लिए उसे सामर्थ्य देगा।"
एक सांसारिक वकील केवल बाहरी सबूत या गवाही से हमारे मुकद्दमे की पैरवी कर सकता है। हमारा स्वर्गीय वकील हमारे मनों को जानते हैं और हमारे विषय को उसी के आधार पर आग्रह करता है (लूका 5:22; मरकुस 2:8)। वह परमेश्वर की व्यवस्था की वैधानिक पद्धति की पेचीदगियों को भी जानता है। उसने पहले से ही न्याय की शर्तों को पूरा कर लिया है, इसलिए उसकी वकालत सामर्थी और धार्मिकता के स्तर पर है। परमेश्वर हमारी ओर से उसके पुत्र की वकालत को संसार के आरम्भ से पहले स्थापित किए गए उसके ईश्वरीय समझौते के हिस्से के रूप में स्वीकार करता है (1 पतरस 1:20; यूहन्ना 17:24; प्रकाशितवाक्य 13:8)। "मसीह की धार्मिकता" के कारण हमारे पद सुरक्षित है, क्योंकि जिसने अपने लहू के साथ हमारे पद को खरीदा है, वही हमारा वकील अर्थात् अधिवक्ता भी है (रोमियों 4:25; 8:3; 1 कुरिन्थियों 1:30)।
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इसका क्या अर्थ है कि यीशु हमारा वकील है?