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प्रश्न

बाइबल में यूहन्ना मरकुस कौन था?

उत्तर


यूहन्ना मरकुस, जिसे अक्सर मरकुस कहा जाता है, मरकुस के सुसमाचार का लेखक है। वह प्रेरितों के काम की पुस्तक में कही जाने वाली आरम्भिक कलीसिया में एक विश्‍वासी था। यूहन्ना मरकुस का पहली बार उल्लेख मरियम नामक एक स्त्री के पुत्र के रूप में किया गया है (प्रेरितों 12:12), जिसका घर विश्‍वासियों को इकट्ठा होने और प्रार्थना करने के लिए उपयोग किया जा रहा था। बाद में, मरकुस को बरनबास और पौलुस के एक साथी के रूप में मिशनरी यात्रा में उल्लेख किया गया है (प्रेरितों के काम 12:25)। यूहन्ना मरकुस बरनबास का चचेरे भाई भी था (कुलुस्सियों 4:10)।

यूहन्ना मरकुस पौलुस और बरनबास की पहली मिशनरी यात्रा में उनका एक सहायक था (प्रेरितों के काम 13:5)। यद्यपि, वह उनके साथ पूरी यात्रा में नहीं रहा था। यूहन्ना मरकुस ने पौलुस और बरनबास को पंफूलिया में छोड़ दिया और कार्य को पूरा नहीं किया था (प्रेरितों के काम 15:38)। बाइबल यह नहीं कहती है कि मरकुस ने उन्हें क्यों छोड़ा था, परन्तु उसका प्रस्थान साइप्रस में लगभग फलहीन सेवकाई के पश्‍चात् ही आया था (प्रेरितों के काम 13:4–12)। साइप्रस में केवल एक ही व्यक्ति के रूपान्तरण को लिपिबद्ध किया गया है, परन्तु वहाँ पर शक्तिशाली रूप से शैतानिक विरोध था। यह सम्भव है कि जवान यूहन्ना मरकुस मार्ग की कठोरता के कारण हतोत्साहित हुआ हो और इस कारण उसने घर की सुख-सुविधाओं में लौटने का निर्णय किया।

कुछ समय पश्‍चात्, जब पौलुस और बरनबास अपनी पहली यात्रा से लौटे थे, तब पौलुस ने उन नगरों में भाइयों के पास वापस जाने की इच्छा व्यक्त की, जहाँ वे पहले से ही जा चुके थे कि प्रत्येक विश्‍वासियों विश्‍वास में कैसे बढ़ रहा था (प्रेरितों के काम 15:36)। ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रावधान पर बरनबास सहमत हुआ, कि वे यूहन्ना मरकुस को अपने साथ ले जाएँगे। यद्यपि, पौलुस ने मरकुस के द्वारा पिछली बार यात्रा को अधूरा ही छोड़ दिए जाने का सन्दर्भ देते हुए अपने साथ ले जाने से इन्कार कर दिया। यूहन्ना मरकुस के बारे में पौलुस और बरनबास में "तीव्र असहमति" थी (प्रेरितों के काम 15:39) और वे इसके कारण एक दूसरे से अलग हो गए और अलग होते हुए एक दूसरे से पृथक यात्रा पर चल दिए। बरनबास यूहन्ना मरकुस को अपने साथ साइप्रस ले गया, और पौलुस सीलास को सीरिया और किलकिया के माध्यम से उन क्षेत्रों में पाई जाने वाली कलीसियाओं में विश्‍वासियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने साथ ले लिया (प्रेरितों के काम 15:39-41)।

बरनबास, "शान्ति का पुत्र" (प्रेरितों के काम 4:36), यूहन्ना मरकुस की विफलता को क्षमा करने और उसे एक और अवसर प्रदान करने की इच्छा रखता था। पौलुस ने अधिक तर्कसंगत दृष्टिकोण को लिया: अर्थात् मिशनरी कार्य का नेतृत्व करने के लिए समर्पण, संकल्प और धैर्य की आवश्यकता होती है। पौलुस ने यूहन्ना मरकुस को अपने मिशनरी कार्य के लिए संकट के रूप में देखा। प्रेरितों के काम का लेखक लूका किसी का पक्ष नहीं लेता है या पौलुस या बरनबास में कौन सही था, को प्रस्तुत नहीं करता है। वह केवल तथ्यों को लिपिबद्ध करता है। यह ध्यान देने योग्य है, कि अन्त में, मिशनरियों के दोनों समूहों को भेजा गया - दो बार जब कई मिशनरी सुसमाचार प्रचार कर रहे थे।

यूहन्ना मरकुस ने अपने चचेरे भाई बरनबास के साथ साइप्रस समुद्री यात्रा को लिया, परन्तु यह उनकी कहानी का अन्त नहीं है। वर्षों पश्‍चात्, वह पौलुस के साथ मिलता है, जो उसे एक "सहकर्मी" कहता है (फिलोमोन 1:24)। और पौलुस के जीवन के अन्त के समय, पौलुस रोमी कैद से तीमुथियुस को एक अनुरोध भेजता है कि: "मरकुस को लेकर चला आ; क्योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है" (2 तीमुथियुस 4:11)। स्पष्ट है कि, यूहन्ना मरकुस वर्षों के व्यतीत होने के साथ परिपक्व हो गया था और प्रभु का विश्‍वासयोग्य सेवक बन गया था। पौलुस ने उसकी प्रगति को पहचाना और उसे एक मूल्यवान साथी माना।

यूहन्ना मरकुस ने लगभग 55 और 59 ईस्वी सन् के मध्य में उस सुसमाचार को लिखा था, जो उसके नाम पर है। मरकुस 14:51-52 यूहन्ना मरकुस के लिए एक सन्दर्भ हो सकता है। उस सन्दर्भ में एक युवक, जिस रात यीशु को पकड़ा गया था, उस रात नींद से उठकर भागते हुए, प्रभु के पीछे चलने का प्रयास करता है, और जिस भीड़ में यीशु था, उसे रोकने का प्रयास करता है। यह युवक रात में भागता और बच जाता है। तथ्य यह है कि यह घटना केवल मरकुस के सुसमाचार में ही लिपिबद्ध है - और यह तथ्य कि युवक बिना किसी नाम के है - ने कुछ विद्वानों को यह बताने के लिए प्रेरित किया है कि भागने वाला युवक वास्तव में यूहन्ना मरकुस ही है।

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