प्रश्न
क्या मसीही विश्वासियों के पास स्वर्गदूतों को आज्ञा देने का अधिकार है?
उत्तर
आज लोग स्वर्गदूतों की अवधारणा और अध्ययन से प्रभावित हैं, जिसे देवदूत-शास्त्र या "स्वर्गदूतों सम्बन्धी विज्ञान" कहा जाता है। स्वर्गदूतों को आभूषणों और क्रिसमस की सजावट से लेकर फिल्मों और टेलीविज़न के कार्यक्रमों इत्यादि सब कुछ में चित्रित किया जाता है। बहुत से मसीही विश्वासी विश्वास करते हैं कि उनके पास स्वर्गदूतों को उनके मन के अनुसार कार्य करने के लिए आज्ञा देने का अधिकार है, जबकि दूसरे लोग यह विश्वास करते हैं कि वे स्वर्गदूतों (यहाँ तक कि दुष्टात्माओं) को यीशु के नाम में आदेश दे सकते हैं।
पवित्र शास्त्र में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता है, जहाँ पर मनुष्य स्वर्गदूतों को या तो अपने नाम में या फिर यीशु के नाम में आदेश देने के लिए सक्षम हुए थे। ऐसा कोई भी सन्दर्भ नहीं है, जहाँ पर मनुष्यों को स्वर्गदूतों के कार्य करने के ऊपर नियन्त्रण प्रदान किया गया है। हम जानते हैं कि उनका पद उच्च है, क्योंकि यीशु को स्वयं जन्म लेने और एक मनुष्य के नाते दु:ख उठाने के लिए "स्वर्गदूतों से कुछ ही कम किया" (इब्रानियों 2:7-9; भजन संहिता 8:4)।
मसीही विश्वासियों का स्वर्गदूतों के ऊपर नियन्त्रण है, की शिक्षा झूठी है। निम्न बाइबल आधारित धर्मसिद्धान्त दर्शाते हैं कि स्वर्गदूत मनुष्यों के द्वारा दी हुई आज्ञाओं को नहीं मानते हैं:
• मूसा ने इस्राएल की सन्तान से तब बात की जब उन्होंने "यहोवा की दुहाई दी तब उसने हमारी सुनी, और एक दूत को भेजकर हमें मिस्र से निकाल ले आया" (गिनती 20:16)। इस्राएलियों ने उनके पास आने के लिए स्वर्गदूतों को कोई आदेश नहीं दिया था। उन्होंने परमेश्वर की दुहाई दी थी, जिसके आदेश पर स्वर्गदूतों ने कार्य किया था।
• शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने नबूकदनेस्सर की मूर्ति के सामने झुकने से इन्कार कर दिया था (दानिय्येल 3:17-18)। परमेश्वर ने अपनी दया में "अपने दूत को भेजकर अपने इन दासों को बचा" लिया! (दानिय्येल 3:28)। इन इब्रानी पुरूषों ने प्रभु के दूत को आह्वान् नहीं किया था। परमेश्वर ने इसे भेजा था। परमेश्वर ने बाद में दानिय्येल के छुटकारे के लिए "उसके दूत को" उसे मांद में शेरों के मुँह से बचाने के लिए भेजा था (दानिय्येल 6:22)।
• यरूशलेम की कलीसिया ने पतरस के लिए तब प्रार्थना की जब वह बन्दीगृह में था (प्रेरितों के काम 12:5)। जब पतरस का छुटकारा हो गया, तो उसने ऐसे गवाही दी, "अब मैं ने सच जान लिया है कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया, और यहूदियों की सारी आशा तोड़ दी" (प्रेरितों के काम 12:11)। पतरस के लिए प्रार्थना करते हुए मसीही विश्वासी तब आश्चर्य में पड़ गए जब पतरस उनके दरवाजे के पास आ गया जिसे उन्होंने अन्दर आने न दिया था। निश्चित है कि उन्होंने उसके छुटकारे के लिए किसी स्वर्गदूत को आदेश नहीं दिया था।
स्वर्गदूतों को परमेश्वर के "पवित्र स्वर्गदूत" जो हमारे नहीं, अपितु उसके प्रयोजन को पूरा करते हैं (मत्ती 25:31; प्रकाशितवाक्य 14:10)।
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क्या मसीही विश्वासियों के पास स्वर्गदूतों को आज्ञा देने का अधिकार है?