प्रश्न
बाइबल चुगलखोरी के बारे में क्या कहती है?
उत्तर
पुराने नियम में जिस इब्रानी शब्द का अनुवाद "चुगलखोरी" के लिए अनुवादित हुआ है, उसे "एक व्यक्ति के द्वारा गुप्त बातों को प्रकट करने, एक चुगलखोर या गप्पी-व्यक्ति" के रूप में परिभाषित किया गया है। एक गप्पी ऐसा व्यक्ति होता है, जिसके पास लोगों के बारे में विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी होती है, और वह इस जानकारी को उन लोगों को देता है, जिन्हें इसकी जानकारी से किसी तरह का कोई लेन देन नहीं होता है। चुगलखोरी को इसके निहितार्थों के द्वारा साझा की हुई सूचना से पता लगाया जा सकता है। चुगलखोरों का लक्ष्य स्वयं की महिमा दूसरों को बुरा बताने के द्वारा और स्वयं को ज्ञान के खजाने के रूप में बढ़ा चढ़ा कर करने की होती है।
रोमियों की पुस्तक में, पौलुस मनुष्य की दुष्टता और पाप से भरे हुए स्वभाव को प्रगट करते हुए, यह कहता है, कि परमेश्वर ने उसके क्रोध को उनके ऊपर उण्डेल दिया है, जो उसकी व्यवस्था का इन्कार कर देता है। क्योंकि वे परमेश्वर के निर्देशों और मार्गदर्शन से दूर हो गए हैं, इसलिए उन्हें उनकी नीच कामनाओं की पूर्ति के लिए छोड़ दिया है। पापों की सूची में चुगलखोर और बदनाम करने वाले सम्मिलित हैं (रोमियों 1:29ब-32)। हम इस संदर्भ से देखते हैं, कि चुगलखोरी कितनी अधिक गम्भीर है और यह उन्हें चित्रित करती है, जो परमेश्वर के क्रोध की अधीनता में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
उन दिनों में (और आज के दिनों में भी) चुगलखोरी के कार्य में सम्मिलित एक और समूह विधवाओं का था। पौलुस विधवाओं को चुगलखोरी की आदत और व्यर्थ बातों में सम्मिलित होने के लिए चेतावनी देता है। इन विधवाओं को "बकबक करती रहतीं और दूसरों के काम में भी हाथ डालतीं और अनुचित बातों बोलती हैं" (1 तीमुथियुस 5:12-13) के रूप में वर्णित करता है। क्योंकि स्त्रियाँ में एक दूसरे के घरों में समय व्यतीत करने की आदत होती है, और वे एक दूसरी स्त्री के साथ निकटता के साथ कार्य करती हैं, इसलिए उन्हें बातों का पता चल जाता है और वे ऐसी परिस्थितियों को देखती हैं, जो विकृत बन सकता है, विशेष रूप से जब उन्हें बार-बार दोहराया जाता है। पौलुस कहता है, कि विधवाओं में एक दूसरे के काम में हाथ डालने की आदत होती है, ताकि वे अपने खाली समय को किसी न किसी बात के द्वारा व्यस्त रख सकें। खाली दिमाग शैतान का कारखाना होता है, और परमेश्वर खाली दिमाग को हमारे जीवनों में प्रवेश करने के विरूद्ध है। "जो लुतराई करता फिरता है वह भेद प्रगट करता है; इसलिये बकवादी से मेल जोल न रखना" (नीतिवचन 20:19)।
निश्चित रूप से स्त्रियाँ ही अकेला ऐसा समूह नहीं है, जिसे चुगलखोरी का दोषी पाया गया है। कोई भी व्यक्ति जिसने किसी बात को बड़ी विश्वसनीयता के साथ सुना है, को दुहराए जाने के द्वारा इसमें चुगलखोरी में सम्मिलित हो सकता है। नीतिवचन की पुस्तक में वचनों की एक लम्बी सूची पाई जाती है, जो चुगलखोरी के खतरों और इसके परिणामस्वरूप होने वाली सम्भावित ठेस को बताते हैं। "जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता है, वह निर्बुद्धि है, परन्तु समझदार पुरूष चुपचाप रहता है। जो लुतराई करता फिरता वह भेद प्रगट करता है, परन्तु विश्वासयोग्य मनुष्य बात को छिपा रखता है" (नीतिवचन 11:12-13)।
बाइबल हमें बताती है, "टेढ़ा मनुष्य बहुत झगड़े को उठाता है, और कानाफूसी करनेवाला परम मित्रों में भी फूट करा देता है" (नीतिवचन 16:28)। बहुत सी मित्रता उस गलतफहमी के कारण उजड़ गई, जो कानाफूसी के द्वारा आरम्भ हुई थी। वे जो इस तरह के व्यवहार में सम्मिलित होते हैं, परेशानी और क्रोध, कड़वाहट, और मित्रों में पीड़ा को छोड़ और कुछ नहीं करते हैं। दुर्भाग्य से, कुछ लोगों की जीविका ही यही है और वे दूसरों को नाश करने के लिए अवसरों को ढूंढ़ते हैं। और जब इन लोगों का सामना किया जाता है, तब ये लोग आरोपों को इन्कार करते और अपने उत्तरों को बहानो और तर्कसंगतता के साथ देते हैं। अपनी गलती को स्वीकार करने की अपेक्षा, वे किसी अन्य पर दोष लगा देते हैं या इस पाप की गम्भीरता के प्रभाव को कम करने का प्रयास करते हैं। "मूर्ख का विनाश उसकी बातों से होता है, और उसके वचन उसके प्राण के लिये फन्दे होते हैं। कानाफूसी करनेवाले के वचन स्वादिष्ट भोजन के समान लगते हैं, वे पेट में पच जाते हैं" (नीतिवचन 18:7-8)।
अपनी जीभ की सुरक्षा करने वाले स्वयं को विपत्ति से बचा लेते हैं (नीतिवचन 21:23)। इसलिए हमें अपनी जीभ की सम्भाल करनी चाहिए और चुगलखोरी के पाप से भरे हुए कार्य से दूर रहना चाहिए। यह हमारी स्वाभाविक इच्छाओं को प्रभु के प्रति अधीन कर दें, तो वह हमें धर्मी बने रहने में सहायता प्रदान करेगा। ऐसा हो कि हम सभी बाइबल चुगलखोरी के ऊपर दी हुई बाइबल की शिक्षाओं का पालन अपने मुँह को आवश्यकता के समय बन्द रखने और उचित समय बोलने के द्वारा कर सकें।
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बाइबल चुगलखोरी के बारे में क्या कहती है?