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प्रश्न

दया का सिंहासन क्या है?

उत्तर


इब्रानियों के पत्र का लेखक पुराने नियम के मिलाप वाले तम्बू की व्यवस्था के बारे में बात करता है। इस्राएलियों के द्वारा जंगलों में भटकने के समय चलित पवित्र स्थान के रूप में मिलाप वाले तम्बू का उपयोग मिस्र से पलायन के बाद यरूशलेम में मन्दिर के निर्माण होने तक के लिए किया गया था (निर्गमन 25-27 को देखें)। मिलाप वाले तम्बू के भीतर वाचा का सन्दूक था, जिसमें दया का सिंहासन सम्मिलित था (इब्रानियों 9:3-5)।

वाचा का सन्दूक, दो पत्थर की पटियों से युक्त सन्दूक था, जिसके ऊपर दस आज्ञाओं को लिखा हुआ था, यह मिलाप वाले तम्बू में और बाद में यरूशलेम के मन्दिर में पाई जाने वाली सबसे अधिक पवित्र वस्तु थी, जिसे एक भीतरी क्षेत्र में रखा गया था, महा या परम पवित्र स्थान कहा जाता था। इसके अतिरिक्त सन्दूक के भीतर मन्ना से भरा हुआ सोने का मर्तबान, जिसे जंगल में परमेश्‍वर के द्वारा इस्राएलियों को भटकने के समय प्रदान किया गया था (निर्गमन 16:4) और हारून की छड़ी थी और इसमें बादाम के फूल उत्पन्न होते थे (गिनती 17:1-13) (इब्रानी 9:4 को देखें)। सन्दूक के ऊपर एक ढक्कन था, जिसे दया का सिंहासन कहा जाता था, जिस पर बादल या ईश्‍वरीय उपस्थिति के प्रतीक दिखाई देते थे। यहाँ पर परमेश्‍वर अनुमानित बैठा हुआ होता था, और इस स्थान से वह मनुष्य पर दया दिखाता था, जब यहाँ पर प्रायश्‍चित का लहू छिड़का जाता था।

ऐसा कहा जाता है कि, दया के सिंहासन ने परमेश्‍वर के लोगों के ऊपर से व्यवस्था की ओर से आने वाले न्याय के द्वारा सदैव के लिए दोषी ठहराए जाने को छिपा लिया था। प्रत्येक वर्ष प्रायश्‍चित के दिन, महा याजक परम पवित्र स्थान में प्रवेश करता था और परमेश्‍वर के लोगों के पापों के प्रायश्‍चित के लिए बलिदान किए गए पशुओं के लहू को छिड़कता था। यह लहू दया के सिंहासन के ऊपर छिड़का जाना था। इस चित्र से जिस बात को व्यक्त किया जा रहा है, वह लहू की भेंट के द्वारा ही है कि व्यवस्था के दोष को हटाया जा सकता है और परमेश्‍वर की व्यवस्था के उल्लंघन को ढापा जा सकता है।

इब्रानियों 9:5 में "दया के सिंहासन" के लिए यूनानी शब्द हिलास्टेरियन है, जिसका अर्थ "वह जो प्रायश्‍चित करता है" या "पापशोधन करता है।" यह पाप को हटाने का विचार प्रस्तुत करता है। यहेजकेल 43:13-15 में, सेप्टुआजेंट (पुराने नियम के यूनानी अर्थात् संप्तित अनुवाद) में पाप के लिए लहू बहाए जाने के लिए बलिदान के लिए उपयोग की जाने वाली पीतल की वेदी को हिलास्टेरियन (प्रायश्‍चित या दया का सिंहासन)।

इस का क्या महत्व है? नए नियम में, मसीह स्वयं को हमारे "प्रायश्‍चित" के रूप में नामित करता है। पौलुस ने रोमियों को लिखे अपने पत्र में इसे इस तरह से समझाया है: "इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्‍वर की महिमा से रहित हैं, परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंतमेंत धर्मी ठहराए जाते हैं" (रोमियों 3:24-25)। यहाँ पौलुस जो शिक्षा दे रहा है, वह यह है कि यीशु पाप को ढक देता है, जैसा कि पुराने नियम की इन भविष्यद्वाणियों के चित्रों में दिखाया गया है। उसकी मृत्यु के माध्यम से, और उसके प्रति हमारे विश्‍वास की प्रतिक्रिया के माध्यम से मसीह ने हमारे सभी पापों को ढक दिया है। इसके अतिरिक्त, जब भी विश्‍वासी पाप करते हैं, हम मसीह की ओर मुड़ सकते हैं, जो हमारे पापों के लिए प्रायश्‍चित करते रहता या इसे ढकते रहता है (1 यूहन्ना 2:1, 4:10)। यह पाप को ढक दिए जाने के बारे में पुराने और नए नियम की अवधारणाओं को एक साथ जोड़ देता है, जैसा कि परमेश्‍वर के दया-के सिंहासन के उदाहरण में प्रस्तुत किया गया है।

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