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प्रश्न

वेश्यावृत्ति के बारे में बाइबल क्या कहती है? क्या परमेश्‍वर एक वेश्या को क्षमा कर देगा?

उत्तर


वेश्यावृत्ति को अक्सर "सबसे प्राचीन व्यवसाय" कहा जाता है। वास्तव में यह बाइबल के समय में भी महिलाओं के द्वारा धन कमाने का एक सबसे सरल तरीका रहा है। बाइबल हमें बताती है कि वेश्यावृत्ति अनैतिकता है। नीतिवचन 23:27-28 कहती है, "वेश्या गहिरा गड़हा ठहरती है; और पराई स्त्री संकरे कुएँ के समान है। वह डाकू के समान घात लगाती है, और बहुत से मनुष्यों को विश्‍वासघाती कर देती है।"

परमेश्‍वर वेश्याओं के साथ भागी होने के लिए मना करता है, क्योंकि वह जानता है कि इस तरह की भागीदारी दोनों पुरुषों और महिलाओं के लिए हानिकारक है। "क्योंकि पराई स्त्री के ओठों से मधु टपकता है और उसकी बातें तेल से भी अधिक चिकनी होती हैं; परन्तु इसका परिणाम नागदौना सा कड़वा और दोधारी तलवार सा पैना होता है। उसके पाँव मृत्यु की ओर बढ़ते हैं, और उसके पग अधोलोक तक पहुँचते हैं" (नीतिवचन 5:3-5 बी. एस. आई हिन्दी बाइबल)।

वेश्यावृत्ति न केवल विवाहों, परिवारों और जीवनों को ही नष्ट करती है, अपितु यह आत्मा और प्राणों को भी ऐसे तरीके से नष्ट कर देती है, जो शारीरिक और आत्मिक मृत्यु की ओर जाते हैं। परमेश्‍वर की इच्छा है कि हम शुद्ध रहें और अपने शरीरों का उपयोग उसके हथियार के रूप में उसकी महिमा के लिए (रोमियों 6:13)। पहला कुरिन्थियों 6:13 कहता है, "परन्तु देह व्यभिचार के लिए नहीं है, वरन् प्रभु के लिये है, और प्रभु देह के लिये है।"

यद्यपि वेश्यावृत्ति पाप से भरा हुआ कार्य है, तथापि वेश्याएँ परमेश्‍वर की क्षमा की सीमा से परे नहीं है। बाइबल परमेश्‍वर की योजना की पूर्ति के लिए राहाब नामक एक वेश्या के उपयोग के बारे में लिपिबद्ध करती है। उसकी आज्ञाकारिता के परिणामस्वरूप, उसे और उसके परिवार को प्रतिफल और आशीष मिली थी (यहोशू 2:1; 6:17-25)। नए नियम में, एक स्त्री, जिसे व्यभिचार का पापी होने के लिए जाना जाता था -उसे यीशु ने उसके पाप से शुद्ध होने के लिए क्षमा और शुद्ध कर दिया था — उसे तब यीशु की सेवा करने के लिए अवसर मिला था, जब यीशु एक फरीसी से मुलाकात करने उसके घर आया था। उस स्त्री ने मसीह को पहचान लिया था, कि वह कौन था, उसके लिए महंगे इत्र की एक बोतल को ले आई थी। आत्मिक संताप और पश्चाताप में होते हुए, स्त्री रो रही थी और उसके पैरों पर इत्र डालकर उसे अपने बाल से पोंछ रही थी। जब फरीसियों ने इस "अनैतिक" स्त्री के इस प्रेम से भरे हुए कार्य को यीशु के द्वारा स्वीकार किए जाने के लिए यीशु की आलोचना की, तो उसने उन्हें सचेत किया और उस स्त्री की आराधना को स्वीकार कर लिया। उसके विश्‍वास के कारण, मसीह ने उसके सारे पापों को क्षमा कर दिया और उसे अपने राज्य में स्वीकार कर लिया (लूका 7:36-50)।

जब वह उनसे बात करने लगा, जिन्होंने उसके बारे में इस सत्य को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था, तब यीशु ने ऐसे कहा, "मैं तुम से सच कहता हूँ कि महसूल लेनेवाले और वेश्या तुम से पहले परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करते हैं। क्योंकि यूहन्ना धर्म के मार्ग से तुम्हारे पास आया, और तुम ने उसका विश्‍वास न किया: पर महसूल लेनेवालों और वेश्याओं ने उसका विश्‍वास किया: और तुम यह देखकर बाद में भी न पछताए कि उसका विश्‍वास कर लेते" (मत्ती 21:31-32)।

किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह, वेश्याओं को मुक्ति और परमेश्‍वर से अनन्त जीवन प्राप्त करने का अवसर मिलता है, ताकि वे अपने सभी अधर्म से शुद्ध हो जाएँ और एक नया जीवन प्राप्त कर सकें! उन्हें केवल इतना ही करना है कि अपने पापी जीवन शैली से मुड़ जाएँ और जीवित परमेश्‍वर की ओर मुड़ें, जिनकी अनुग्रह और दया असीम हैं। "इसलिये यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है : पुरानी बातें बीत गई; देखो, सब बातें नई हो गई हैं!" (2 कुरिन्थियों 5:17)।

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