प्रश्न
पुनर्जन्म के बारे में बाइबल क्या कहती है?
उत्तर
पुनर्जन्म की अवधारणा पूर्ण रीति से बाइबल आधारित नहीं है, जो स्पष्ट रीति से कहती है कि मनुष्य का एक बार मरना और उसके द्वारा तत्पश्चात् न्याय का सामना करना निश्चित है (इब्रानियों 9:27)। बाइबल कहीं पर मनुष्य को दूसरी बार जन्म दिए जाने या विभिन्न लोगों या पशुओं के रूप में वापस आने का उल्लेख नहीं करती है। यीशु ने क्रूस पर लटकाए हुए डाकू से कहा था, "मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा" (लूका 23:43), ऐसा नहीं कि, "तुझे इस पृथ्वी पर एक और जीवन व्यतीत करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।" मत्ती 25:46 विशेष रूप से हमें कहता है कि मसीही विश्वासी शाश्वतकालीन जीवन जबकि अविश्वासी शाश्वतकालीन दण्ड को प्राप्त करते हैं। पुनर्जन्म लाखों वर्षों से एक लोकप्रिय मान्यता के रूप में प्रचलित है, परन्तु इसे कभी भी मसीही विश्वासियों या यहूदी धर्म के अनुयायियों के द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया, क्योंकि यह पवित्रशास्त्र का विरोधी है।
मत्ती 17:10-12, बाइबल का एक सन्दर्भ है, जिसे कुछ लोग पुनर्जन्म के लिए प्रमाण के रूप में इंगित करते हैं, जो यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का सम्पर्क एलिय्याह के साथ करता है। तथापि, बाइबल ऐसा कभी नहीं कहती है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले पुनर्जन्म एलिय्याह के रूप में हुआ था, अपितु इसके स्थान पर यह ऐसा कहती है कि उसने एलिय्याह से सम्बन्धित उन भविष्यद्वाणियों को पूरा किया था, यदि लोगों ने उसके वचनों में विश्वास किया था और जिसके परिणामस्वरूप यीशु को मसीह के रूप में विश्वास किया था (मत्ती 17:12)। लोगों ने विशेष रूप से यहून्ना बपतिस्मा देने वाले से पूछा था कि क्या वह एलिय्याह था और उसने कहा था, "नहीं, मैं नहीं हूँ" (यूहन्ना 1:21)।
पुनर्जन्म में विश्वास एक प्राचीन अवधारणा है और भारतीय परम्परा में पाए जाने वाले धर्मों के बहुमत का केन्द्रीय विचार है, जैसे कि हिन्दू, सिक्ख, और जैन धर्म इत्यादि। बहुत से मूर्तिपूजक धर्म भी पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं, उनके साथ ही न्यू ऐज़ मूवमेंट अर्थात् नव युगवादी आन्दोलन, आत्मावादी धर्म के अनुयायियों के साथ विश्वास करता है। मसीही विश्वासियों के लिए, कोई सन्देह नहीं है: पुनर्जन्म बाइबल सम्मत नहीं है और इसका इन्कार अवश्य ही झूठ के रूप में किया जाना चाहिए।
पुनर्जन्म के बारे में बाइबल क्या कहती है?