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प्रश्न

क्लेशकाल में पाए जाने वाले सन्तगण कौन है?

उत्तर


क्लेशकाल के समय पाए जाने वाले सन्तगण बड़ी सरलता से कहना ऐसे सन्तगण हैं जो क्लेशकाल के समय में रहेंगे। हमारा विश्‍वास है कि क्लेशकाल से पहले कलीसिया का मेघारोहण हो जाएगा अर्थात् उसे बादलों पर हवा में उठा लिया जाएगा, परन्तु बाइबल इंगित करती है कि क्लेशकाल के समय बड़ी सँख्या में लोग यीशु मसीह में विश्‍वास को लाएँगे। स्वर्ग के अपने दर्शन में, यूहन्ना क्लेशकाल में पाए जाने वाले इन सन्तगणों की एक बड़ी सँख्या को देखता है, जिन्हें मसीह विरोधी के द्वारा शहीद किया गया है: "इसके बाद मैं ने दृष्‍टि की, और देखो, हर एक जाति और कुल और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था, श्‍वेत वस्त्र पहिने और अपने हाथों में खजूर की डालियाँ लिये हुए सिंहासन के सामने और मेम्ने के सामने खड़ी है" (प्रकाशितवाक्य 7:9)। जब यूहन्ना ने पूछा कि ये कौन लोग हैं, तो उसे कहा गया कि, "ये वे हैं, जो उस महाक्लेश में से निकलकर आए हैं; इन्होंने अपने-अपने वस्त्र मेम्ने के लहू में धोकर श्‍वेत किए हैं" (वचन 14)।

परमेश्‍वर के न्याय के कारण क्लेशकाल दुष्टों के लिए बड़ी परेशानी का समय होगा। यह विश्‍वासियों या सन्तों के लिए भी — मसीह विरोधी के द्वारा सताए जाने के कारण बहुत अधिक सताव का समय होगा (प्रकाशितवाक्य 13:7)। दानिय्येल ने मसीह विरोधी को "पवित्र सन्तों के संग लड़ाई करके उन पर उस समय तक प्रबल भी हो गया" देखा था (दानिय्येल 7:21)। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि सन्तों का अनन्तकालीन उद्धार सुरक्षित है: दानिय्येल ने यह भी देखा कि "जब तक वह अति प्राचीन न आया, और परमप्रधान के पवित्र लोग न्यायी न ठहरे, और उन पवित्र लोगों के राज्याधिकारी होने का समय न आ पहुँचा" (दानिय्येल 7:22; की तुलना प्रकाशितवाक्य 14:12-13 से करें)।

क्लेशकाल के सन्त कई सम्भावित स्रोतों से सुसमाचार सुनेंगे। पहला स्रोत बाइबल है; संसार में बाइबल की कई प्रतियाँ बची रहेंगी और जब परमेश्‍वर का न्याय आने लगेगा, तो कई लोग यह देखने कि लिए कि भविष्यद्वाणियों को पूरी हो रही हैं बाइबल को ढूँढ कर अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त करेंगे। क्लेशकाल के कई सन्तों ने दो गवाहों से भी सुसमाचार को सुना होगा (प्रकाशितवाक्य 11:1-13)। बाइबल कहती है कि ये दो व्यक्ति "1,260 दिनों तक [साढ़े तीन वर्षों तक]" (वचन 3) भविष्यद्वाणी करेंगे और बड़े आश्‍चर्यकर्मों को प्रगट करेंगे (वचन 6)। और फिर 144,000 यहूदी मिशनरी होंगे, जिन्हें क्लेशकाल के समय में परमेश्‍वर के द्वारा छुटकारा दिया जाएगा और जिन्हें मुहरबन्द कर दिया जाएगा (प्रकाशितवाक्य 7:1-8)। प्रकाशितवाक्य 7 में उन पर लगाई गई मुहर के विवरण के तुरन्त पश्‍चात्, हम क्लेशकाल के सन्तों की सँख्या के बारे में पढ़ते हैं, जो संसार के प्रत्येक कोने से बचाए जाते हैं (वचन 9-17)।

क्लेशकाल के सन्तगण अपने प्रभु यीशु मसीह की सेवा हताश वातावरण के बीच में करेंगे। अन्त तक विश्‍वासयोग्य रहते हुए इनमें से कई विश्‍वासी अपने विश्‍वास के कारण मर जाएंगे। लेकिन अपनी मृत्यु में, वे जय पाएंगे; "वे मेम्ने के लहू के कारण और अपनी गवाही के वचन के कारण उस[शैतान] पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।" (प्रकाशितवाक्य 12:11)। और परमेश्‍वर उन्हें प्रतिफल देगा: "इसी कारण वे परमेश्‍वर के सिंहासन के सामने हैं, और उसके मन्दिर में दिन-रात उसकी सेवा करते हैं, और जो सिंहासन पर बैठा है, वह उनके ऊपर अपना तम्बू तानेगा। वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे; और न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी। क्योंकि मेम्ना जो सिंहासन के बीच में है उनकी रखवाली करेगा, और उन्हें जीवन रूपी जल के सोतों के पास ले जाया करेगा; और परमेश्‍वर उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा" (प्रकाशितवाक्य 7:15–17)।

हम परमेश्‍वर की स्तुति करते हैं कि संकट का बड़ा दिन भी अनुग्रह का एक बड़ा दिन होगा। यद्यपि परमेश्‍वर इस अविश्‍वासी संसार के ऊपर अपने न्याय को पूरा कर रहा है, तौभी वह इस्राएल को विश्‍वास के लिए फिर से स्थापित कर देगा और यहूदी और गैर-यहूदी दोनों में से विश्‍वास करने वाले सभों को अनुग्रह देगा। परमेश्‍वर सदैव लोगों को बचाने के व्यवसाय में लगा हुआ है और यह मुक्ति क्लेशकाल के समय में भी उपलब्ध होगी। तथापि, तब तक प्रतीक्षा न करें; यीशु को अभी ग्रहण करें (यूहन्ना 1:12)।

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क्लेशकाल में पाए जाने वाले सन्तगण कौन है?
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