प्रश्न
वॉचटावर बाइबल और ट्रैक्ट सोसाइटी?
उत्तर
वॉचटावर बाइबल एंड ट्रैक्ट सोसाइटी या प्रहरीदुर्ग एक ऐसा संगठन है, जो यहोवा के साक्षियों या गवाहों के अगुवों के द्वारा निर्देशित किया जाता है। वॉचटावर या प्रहरीदुर्ग सोसाइटी की स्थापना 1886 में हुई थी और वर्तमान में यह ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क में स्थित है। वॉचटावर का अपने सदस्यों के ऊपर दृढ़ता से नियन्त्रण है और इसने अब तक न्यू वर्ल्ड ट्रांसलेशन अर्थात् नई दुनिया अनुवाद नामक बाइबल के अपने अनुवाद को ही तैयार करने में बहुत अधिक सहायता प्रदान की है। सोसाइटी इसके संस्थापक के पश्चात् कई अध्यक्षों के हाथों से आगे बढ़ी है और इसने स्वयं को इवैन्जेलिकल अर्थात् सुसमाचारवादी मसीही विश्वास के विरूद्ध एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित किया है। जबकि स्वयं का यहोवा परमेश्वर के एकमात्र वैध अनुयायी होने का दावा करते हुए, वॉचटावर ऐतिहासिक मसीही विश्वास के धर्मसिद्धान्तों विश्वास के कई मौलिक सिद्धान्तों का विरोध करती है और यहाँ तक कि उनका खण्डन ही कर देती है।
इस बात के साथ आरम्भ करते हुए कि वॉचटावर सभी धार्मिक प्रश्नों में से एक सबसे महत्वपूर्ण पर ही गलत हो जाती है : यीशु मसीह कौन है? वॉचटावर सोसाइटी शिक्षा देती है कि यीशु मसीह वास्तव में यहोवा परमेश्वर की पहली पहली सृष्टि है, परमेश्वर देहधारी नहीं, जैसा कि बाइबल स्पष्ट रूप से शिक्षा देती है (तीतुस 2:13; कुलुस्सियों 2:9)। ऐसा करने में, वे मसीह को सभी वस्तुओं के सृष्टिकर्ता के वास्तविक स्थान पर होने को स्वीकार करने के स्थान पर, उसे ही एक सृजे हुए प्राणी के रूप में देखते हैं (कुलुस्सियों 1:16-17; यूहन्ना 1: 1-3)। उन्होंने एरियनवाद अर्थात् आर्युसवाद की गलती को दोहराया है, जिसे नीकिया की परिषद में मसीही कलीसिया के द्वारा एक भ्रान्त अर्थात् झूठी शिक्षा के रूप में निन्दित किया गया था और आसानी से पवित्रशास्त्र के उचित पठन् के द्वारा खण्डन की जा सकती है।
अपनी स्थापना से लेकर अब तक वॉचटावर ने त्रिएक परमेश्वर (एक तत्व जो तीन सह-समान, सह-अनन्त व्यक्तियों के रूप में अस्तित्व है) की बाइबल आधारित शिक्षा से इन्कार कर दिया है और कहा है कि मसीही विश्वास का परमेश्वर नकली शैतानी है। चार्ल्स टेज़ रसेल, जो यहोवा के साक्षियों के संस्थापक हैं और सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, ने यीशु मसीह की मसीही अवधारणा को "स्वयं शैतान" के रूप में होना कहा है। वॉचटावर का परमेश्वर बाइबल का परमेश्वर नहीं है और इसलिए वह लोगों को उनके पापों से बचाने में सक्षम नहीं है।
बाइबल आधारित व्याख्या के द्वारा अपने धर्मसिद्धान्तों को औचित्य देने के प्रयास में, सोसाइटी ने 1961 में पवित्रशास्त्र का अपना ही अनुवाद तैयार किया। यह अनुवाद, जिसे न्यू वर्ल्ड ट्रांसलेशन या नई दुनिया अनुवाद के नाम से जाना जाता है, को यहोवा के साक्षियों ने बाइबल के मूलपाठ का एकमात्र विश्वस्त उत्पादन माना है। नई दुनिया अनुवाद इसलिए अद्वितीय है, क्योंकि यह एक समूह के धर्मसिद्धान्त के साथ सहमति के लिए विशेष उद्देश्य के लिए सम्पादित और संशोधित बाइबल का एक पूरा संस्करण बनाने का पहला जानबूझकर या अभिप्रायपूर्वक किया गया व्यवस्थित प्रयास है। धर्मवैज्ञानिक क्षेत्र से परे हो यूनानी विद्वानों ने निरन्तर नई दुनिया अनुवाद को ही प्रमुख बाइबल आधारित सन्दर्भों में त्रुटियाँ लाते हुए उत्पादित करने के लिए आलोचना की है।
प्रिन्सटन थियोलॉजिकल सेमिनरी में नए नियम की भाषा के पूर्व प्रोफेसर और मूलपाठ की आलोचना पर कई प्रशंसित पुस्तकों के लेखक स्वर्गीय डॉ. ब्रूस मेट्ज़गेर ने ऐसे कहा है, "यहोवा के साक्षियों ने नए नियमों के अपने अनुवादों में यूनानी के बहुत अधिक त्रुटि से भरी हुई व्याख्याओं को सम्मिलित किया है।" डॉ. रॉबर्ट काउंटेस, जिन्होंने अपने पीएच.डी. शोध निबन्ध को न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन के ऊपर लिखा है, का कहना है कि वॉचटावर का अनुवाद "वास्तविक अनुवाद को प्रभावित करते हुए अपने धर्मसैद्धान्तिक विचारों को बनाए रखने में तेजी से असफल रहा है। इस लेखनकार्य को एक मूलभूत पक्षपाती रीति से किए जाने वाले एक कार्य के रूप में देखा जाना चाहिए। कुछ बिन्दुओं पर तो यह वास्तव में बेईमान है।"
वॉचटावर के दावों को अस्वीकृत करने का एक और कारण उनके झूठी भविष्यवाणियाँ को बनाने का लम्बा इतिहास है। वॉचटावर सोसाइटी ने कई अवसरों पर संसार के अन्त की भविष्यद्वाणी की है, सबसे अधिक निवर्तमान की तिथियाँ 1946, 1950 और 1975 के वर्षों की हैं। उनकी झूठी भविष्यद्वाणियाँ स्पष्ट रीति से झूठी हैं, जो उनके दावे को झूठा ठहरा देती हैं कि "इस समय पृथ्वी पर ईश्वर के वास्तविक भविष्यद्वाणी आधारित प्रवक्ता" हैं। सोसाइटी के इतिहास में की गई झूठी भविष्यद्वाणियाँ एक सच्चे भविष्यद्वक्ता के मापदण्ड के विपरीत है: "जब कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे, तब यदि वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन यहोवा का कहा हुआ नहीं; परन्तु उस नबी ने यह बात अभिमान करके कही है, तू उस से भय न खाना" (व्यवस्थाविवरण 18:22)।
इसके अतिरिक्त, वॉचटावर ने सैन्य सेवा, छुट्टियों में मनाए जाने वाले उत्सव और देश के झण्डे को सलामी देने पर रोक लगा दी है। इन प्रतिबन्धों को बढ़ावा देना उनके झूठे दावों में निहित है, जो कि यहोवा के लोगों का विशेष संगठित संग्रह है। वॉचटावर अर्थात् प्रहरीदुर्ग इन प्रथाओं को शैतान के हथियार के रूप में देखता है, ताकि लोगों को यहोवा से दूर कर सकें। वॉचटावर पूरी "विश्व व्यवस्था" (कोई भी गतिविधि जो वॉचटावर से सम्बन्धित नहीं है) को शैतान के साथ जुड़ा हुई देखता है और इस प्रकार वह इन्हें निषिद्ध करता है। इसमें रक्त दान करने का अभ्यास भी सम्मिलित है, जिसमें वॉचटावर के अनुयायी गलत विश्वास करते हैं कि यह पवित्रशास्त्र के द्वारा मना किया गया है। वॉचटावर ने कहा है कि एक रक्त दान करने "का परिणाम जीवन को तत्काल और अस्थायी आयु को देने का रूप हो सकता है, परन्तु यह एक समर्पित मसीही विश्वासी के अनन्त जीवन को खोने के ऊपर होता है।" सोसायटी ने गलत तरीके से विश्वास कर लिया है कि बाइबल आधारित लहू खाने की मनाही (उत्पत्ति 9:4; प्रेरितों के काम 15: 28-29) लहू के आदान-प्रदान के आधुनिक तरीकों तक विस्तारित है, यह एक ऐसा प्रतिबन्ध है कि, व्यवहार में इसके पालन ने यहोवा के कई साक्षियों के जीवनों को और यहाँ तक कि उनके बच्चों को खोया है।
निरन्तर झूठी भविष्यद्वाणियों को देने, अपने स्वयं के लोगों को एक सांस्कृतिक पृथकता में रखने, और बाइबल का एक निन्दनीय त्रुटियों से भरा हुआ अनुवाद अपने स्वयं के धर्मविज्ञान को सही प्रमाणित करने के पश्चात् भी, वॉचटावर बाइबल और ट्रैक्ट सोसाइटी प्रत्येक वर्ष बिना किसी सन्देह के अनुयायियों को प्राप्त करती चली जा रही है। यह बाइबल के प्रति विश्वासयोग्य मसीही विश्वासियों का उत्तरदायित्व है कि वे शुद्ध धर्मसिद्धान्तों (तीतुस 1:9) के साथ इन त्रुटियों का खण्डन करने के लिए तैयार रहें। जैसा कि यहूदा हमें बताता है, हमें चाहिए कि हम "उस विश्वास के लिये पूरा यत्न करें जो पवित्र लोगों को एक ही बार सौंपा गया था" (यहूदा 3)।
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वॉचटावर बाइबल और ट्रैक्ट सोसाइटी?