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प्रश्न

जब आप मरते हैं तो कहाँ जाते हैं?

उत्तर


बाइबल इस विषय पर पूरी तरह से स्पष्ट है कि, अन्त में, केवल दो ही विकल्प रह जाते हैं जहाँ आप जब मरते हैं तो जाते हैं: स्वर्ग या नरक। बाइबल इसे भी पूरी तरह से स्पष्ट करती है कि आप निर्धारित कर सकते हैं कि आप मरने के उपरान्त कहाँ जाएगें। कैसे, पढ़ते चले जाए।


प्रथम, समस्या यह है। हम सबने पाप किया है (रोमियों 3:23)। हम सबने ऐसे कार्य किए हैं जो कि गलत, बुरे और अनैतिक हैं (सभोपदेशक 7:20)। हमारे पापों के कारण हम परमेश्वर से पृथक हैं, और, यदि इसका समाधान नहीं होता, तो हमारे पाप हममें अनन्तकाल के लिए हमें परमेश्वर से पृथक होने के परिणाम को लाएँगे (मत्ती 25:46; रोमियों 6:23अ)। परमेश्वर से अनन्तकाल की पृथकता नरक है, जो कि बाइबल में एक अनन्तकाल की आग की झील के रूप में वर्णित की गई है (प्रकाशितवाक्य 20:14-15)।

अब, समाधान है। परमेश्वर यीशु मसीह नाम के एक व्यक्ति में मानवीय प्राणी बन गया (यूहन्ना 1:1, 14; 8:58; 10:30)। उसने पाप रहित जीवन को यापन किया (1 पतरस 3:22; 1 यूहन्ना 3:5) और स्वैच्छा से हमारे बदले में अपने जीवन को बलिदान कर दिया (1 कुरिन्थियों 15:3; पतरस 1:16-19)। उसकी मृत्यु ने हमारे पापों के जुर्माने को अदा कर दिया (2 कुरिन्थियों 5:21)। परमेश्वर अब हमें उद्धार और क्षमा को वरदान के रूप में देने का प्रस्ताव देता है (रोमियों 6:23ब) जिसे हमें विश्वास के द्वारा ग्रहण करना चाहिए (यूहन्ना 3:16; इफिसियों 2:8-9)। "प्रभु यीशु मसीह में विश्वास कर तो तू बचाया जाएगा" (प्ररितों के काम 16:31)। केवल यीशु में ही उसे अपने उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास करते हुए, अपने पापों के जुर्माने के लिए केवल उसी ही के बलिदान के ऊपर निर्भर रहें, और परमेश्वर के वचन के अनुसार, आपको स्वर्ग में अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा मिलेगी।

जब आप मर जाएँगे तो आप कहाँ जाएँगे? यह आपके ऊपर निर्भर करता है। परमेश्वर आपको चुनाव करने का प्रस्ताव देता है। परमेश्वर आपको उसके साथ आने का निमंत्रण देता है। यह आपकी बुलाहट है।

यदि आप महसूस करते हैं कि परमेश्वर आपको मसीह में विश्वास करने के लिए निकट ला रहा है (यूहन्ना 6:44), तो उद्धाकर्ता के पास चले आए। यदि परमेश्वर परदे को हटा रहा है और आपके आत्मिक अन्धेपन को दूर कर रहा है (2 कुरिन्थियों 4:4), तो उद्धारकर्ता के ऊपर देखिए। यदि आप जीवन की चिंगारी का अनुभव कर रहे हैं जो कि सदैव मरी हुई थी (इफिसियों 2:1), तो उद्धारकर्ता के द्वारा जीवन के पास ही चले आए।

जब आप मर जाएँगे तो कहाँ जाएँगे? स्वर्ग या नरक में। यीशु मसीह के द्वारा, नरक से बचा जा सकता है। यीशु को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करें, और स्वर्ग आपका अनन्तकालीन गंतव्य हो जाएगा। कोई भी अन्य निर्णय को लें, और परमेश्वर के साथ अनन्तकाल की पृथकता नरक का परिणाम देगी (यूहन्ना 14:6; प्ररितों को काम 4:12)।

यदि अब आप उन दो संभावनाओं को समझते हैं कि जब आप मर जाँएगे तो आप कहाँ जाएँगे, और आप यीशु मसीह में उसे अपना व्यक्तिगत् उद्धाकर्ता मानते हुए भरोसा करते हैं, तो निश्चित कर लें कि आप यह समझ चुके हैं और इन बातों में विश्वास करते हैं, और विश्वास के एक कार्य के रूप में, इन बातों को परमेश्वर से कहें: "हे परमेश्वर, मैं जानता हूँ कि मैं ने आप के विरुद्ध पाप किया है, और मैं सजा का पात्र हूँ। परन्तु यीशु मसीह ने उस सजा को स्वयं पर ले लिया जिसके योग्य मैं था ताकि उसमें विश्वास करने के द्वारा मैं क्षमा किया जा सकूँ। मैं उद्धार के लिए आपमें अपने विश्वास को रखता हूँ। आपके अद्भुत अनुग्रह और क्षमा – जो अनन्त जीवन का उपहार है, के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ! आमीन।"

जो कुछ आपने यहाँ पढ़ा है क्या उसके कारण आपने मसीह के पीछे चलने के लिए निर्णय लिया है? यदि ऐसा है तो कृप्या नीचे दिए हुए "मैंने आज यीशु को स्वीकार कर लिया है" वाले बटन को दबाइये।

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